लेखनी प्रतियोगिता -02-Mar-2023 सच्चा मित्र
विजय और प्रभु मंडल दोनों राजमिस्त्री थे। और बिल्डर प्यारेलाल के ठेकेदार के अधीन काम करते थे। एक दिन ठेकेदार प्रभु मंडल को बिल्डर प्यारेलाल की कोठी के अंदर मंदिर बनाने का काम देता है। प्रभु मंडल का मिस्त्री का काम देखकर बिल्डर प्यारेलाल बहुत खुश होता है। और प्रभु मंडल को अपनी नई कोठी बनाने का काम देता है। जब अनपढ़ प्रभु मंडल बिल्डर प्यारेलाल की कोठी बनाते समय सिविल इंजीनियर को उचित सलाह देता था ,तो बिल्डर प्यारेलाल प्रभु मंडल की काबिलियत पर बहुत खुश होता था।
प्रभु मंडल और विजय बचपन के दोस्त और पड़ोसी भी थे। विजय प्रभु मंडल की दिन-रात की तरक्की से बहुत खुश था। लेकिन विजय की पत्नी क
बिल्डर प्यारेलाल अपनी नई बिल्डिंग में मजदूर से काम करवाने का ठेकेदार प्रभु मंडल को बना देता है। प्रभु मंडल की इस उपलब्धि की खुशी में विजय अपने घर प्रभु मंडल और उसकी पत्नी को दावत देता है ।और अपने काम के साथ-साथ प्रभु मंडल की नई बिल्डिंग की ठेकेदारी में भी उसकी मदद करता था ।
लेकिन प्रभु मंडल की पत्नी को पसंद नहीं था, कि उसका दोस्त विजय उसके पति के काम में दखल दे। इसलिए उसकी पत्नी विजय के खिलाफ अपने पति प्रभु मंडल को भड़काना शुरू कर देती है।
प्रभु मंडल की पत्नी एक-दो दिन के लिए मायके जाती है। तो घर पर अकेला रहने की वजह से उसका दूध पकाते हुए हाथ जल जाता है। और विजय प्रभु मंडल के साथ जाकर डॉक्टर से प्रभु मंडल को दवाई दिलवाता है। डॉक्टर एक-दो दिन के लिए प्रभु मंडल को आराम करने की सलाह देता है। इसलिए विजय प्रभु मंडल से कहता है कि "मैं बिल्डर प्यारेलाल को तेरी तकलीफ के बारे में बता कर एक-दो दिन के लिए तेरी छुट्टी के लिए कह दूंगा।"
लेकिन बिल्डर प्यारेलाल को एक दो दिन में बिल्डिंग के बेसमेंट का काम खत्म करना था। इसलिए वह दूसरा ठेकेदार ढूंढने लगता है। तो विजय के मन में यह बात आती है कि कहीं नया ठेकेदार आकर प्रभु मंडल की ठेकेदारी ना छीन ले। इसलिए वह बिल्डर प्यारेलाल से कहता है कि 'मैं भी राजमिस्त्री हूं और प्रभु मंडल का दोस्त भी हूं। इसलिए जब तक प्रभु मंडल तकलीफ में है।" मैं बेसमेंट बनाने का काम संभाल लूंगा। बिल्डर प्यारेलाल को विजय का काम भी बहुत पसंद आता है।
प्रभु मंडल को पूरी तरह ठीक होने में दस दिन लग जाते हैं। और उसे जब पता चलता है कि विजय मेरा काम संभाल रहा था, तो उसे अपनी पत्नी की बात सच लगने लगती है कि विजय मेरे साथ कभी भी गद्दारी कर सकता है। और वह विजय से मिलना जुलना कम कर देता है।
बिल्डर प्यारेलाल अपने बिजनेस के सिलसिले में दो महीने के लिए शहर से बाहर चला जाता है। एक दिन बिल्डिंग मैटेरियल सप्लाई करने वाला सप्लायर प्रभु मंडल को बिल्डिंग मटेरियल के सामान में हेराफेरी करके अधिक रुपया कमाने का लालच देता है। और शाम को घर आकर इस सिलसिले में मीटिंग करने की भी कहता है।
प्रभु मंडल विजय एक दूसरे को अपने मन की सारी बताते थे। इसलिए प्रभु मंडल बिल्डिंग मटेरियल सप्लायर की सारी बात विजय को बताता है। और विजय से कहता है कि "अगर तू भी इस काम में मेरा साथ देगा तो तुझे भी बहुत से रुपए दूंगा।"विजय
प्रभु मंडल से कहता है कि "यह गलत काम बिल्कुल भी नहीं करना वरना तेरी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी।"
लेकिन प्रभु मंडल विजय का कहना नहीं मानता है। और रात को सप्लायर को अपने घर बुला लेता है। विजय भी उनकी हेरा फेरी की मीटिंग में शामिल होता है। और सप्लायर की सारी बातों की अपने मोबाइल में वीडियो फिल्म बना लेता है। और वह वीडियो फिल्म बिल्डर प्यारेलाल को भेज देता है।
और बिल्डर्स प्यारेलाल से फोन करके कहता है कि "इस सारे षड्यंत्र मेरे सीधे-साधे मित्र का कोई दोष नहीं है। कृपया आप उसे कोई सजा नहीं देना।"विजय का वीडियो मिलने के बाद बिल्डर प्यारेलाल दूसरे दिन ही शहर आ जाता है।
और रात को प्रभु मंडल के घर आकर बिल्डर प्यारेलाल विजय और उसकी पत्नी प्रभु मंडल की पत्नी के सामने प्रभु मंडल से कहता है कि "सप्लायर ने जो किया मेरे कहने से किया है। मैंने तुम्हारी काबिले तो देख ली थी मैं तुम्हारी ईमानदारी भी देखना चाहता था। लेकिन तुम इमानदारी की परीक्षा में फेल हो गए हो। लेकिन मैं फिर भी तुम्हें को काम देता रहूंगा तुम्हारे दोस्त विजय की वजह से।"और आधी बात बीच में रोककर अपने पर्स से दस दिन के वह पैसे निकालकर प्रभु मंडल को दे देता है, जो काम प्रभु मंडल की जगह विजय ने किया था।
और फिर कहता है कि "जब तुम दुख में थे तो विजय ने तुम्हारी जगह काम किया , इसलिए कि कहीं दूसरा ठेकेदार तुम्हारी जगह ना छीन ले और कहां पैसे भी मेरे दोस्त को दे देना। वह अपनी इच्छा से मुझे खुद कुछ ना कुछ पैसे दे देगा। और मुझे उस दिन पता चला गया था कि तुम्हारा दोस्त तुम्हारी तरक्की से खुश है। और जब तुम गलत रास्ते पर जा रहे थे तो विजय ने तुम्हें रोका इसलिए सच्चा साथी वही होता है जो दुख में सुख में साथ दें और अपने साथी के गलत कामों का विरोध करें। इसलिए जब तक तुम्हारे साथ तुम्हारा सच्चा साथी है, मैं तुम्हें काम देता रहूंगा।" उस दिन प्रभु मंडल की पत्नी और प्रभु मंडल को विजय को गलत समझने का पछतावा होता है। और उस दिन प्रभु मंडल को अपना सच्चा साथी मिल जाता है।
डॉ. रामबली मिश्र
03-Mar-2023 09:56 PM
बेहतरीन
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Punam verma
03-Mar-2023 08:51 AM
Very nice
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Abhinav ji
03-Mar-2023 08:15 AM
Very nice 👍
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